लबों पर ख़याल ठिठक रहे हैं

मेरे लबों पर ख़याल ठिठक रहे हैं,
ख़ुद से किये कुछ सवाल खटक रहे हैं,
कलम में दम था, इजहार करने का,
काग़ज़ों पर अल्फ़ाज़ बरस रहे हैं।

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