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क्यों कोई अब छुपने लगा

क्यों कोई अब छुपने लगा, क्यों गुमसुम रहने लगा। चांद तो पहले ही था कोई, क्‍यों पूनम को ग़ायब रहने लगा। किसी की ज़ुरर्रत है, जुर्म है या है खता, ऐ बुत, कुछ तो बता, यूं न सता, दे दे फिर जो भी हो सज़ा। ये रिश्ता न था न रहेगा, पर जो भी था, तोड़ ना इसे, इस का दर्द कौन सहेगा ? एक दिल सभी को है, है तुझको भी, एक दर्द शायद मुझको है, और है तुझको भी। गर ये भुलावा है मेरा, तो भी बता दे, अपने चाहने वाले को, यूं न सजा दे।

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