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काश के हम रोज मिलें

काश के हम रोज मिलें, काश के हम रोज बिछडें। काश के मैं रोज बेक़रार हो जाऊं, काश के तुम रोज चैन बन जाओ। काश के तुम रोज बुत बन जाओ, काश के मैं रोज परस्तिश करूं। काश के रोज तुम अनजाने में कुछ कर दो, काश के मैं रोज उसके कुछ मायने निकालूं। काश के रोज तुम निशब्‍द रहो, काश के मैं रोज सुनने को बेकरार रहूं। काश के तुम रोज ही न आओ, काश के मैं तुम्‍हारी राह देखूं। काश के तुम इस सब से अनजान रहो, काश के मैं तुम्‍हें ये सब बताऊं।

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