ज़िंदगी क्या है ?

 ज़िंदगी क्या है ?
ये बताएं कैसे ?
तेरे माफ़िक नज़र आएं कैसे ?
तूने ढंक रखा है, अपनी आंखों को,
सोच तुझे नजर आएं कैसे ?
चाहत तुझ में भी है, और मुझ में भी, 
है इश्क़ की आग दोनों जानिब,
तूं माहिर है इसमें,
पर हम छुपाएं कैसे?

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