मेरा मौसम आगया है

 मेरा मौसम आगया है
अब उस जकड़न से निजाद मिल गई
हो गया हूँ आजाद फिरूं कैसे भी
रात की गुनगुनी ठंडी सी राहत भरी हवा
सुबह की खुशनुमा रौशनी
मन को सकून देने वाला आलम
लम्बी रातों की बात गई सी हो गई
अब दिन बड़े होंगे
यहाँ शाम होगी देर तक तो सुबह जल्दी हो गई
हाँ मगर दोपहर मैं तपिश होगी बहुत आएगा पसीना
पर जब मिल जाएगी छाँव और कोई हवा का झोंका
ठंडक और सकून आ जाएगा

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