मुझे तो बढ़ना है, शिखर पर चढ़ना है,
रास्ते की चिंता नहीं है, पैरों से जब चलना है,
पैर न भी हो तो मन से चलूंगा,
कितना भी ऊंचा हो शिखर, नत मस्तक उसे करुंगा,
अब सोचना क्या है सिर्फ बढ़ना है,
थक जाएं अगर पैर तो हौसले से आगे बढ़ना है।
बढ़ना है, चढ़ना है, चलते रहना है।